क्या लिखू और कैसे, क्योकि लिखने तो बहुत कुछ है उस पर
लेकिन समझ नहीं आता वो कौन है
क्या रिश्ता है उसका और मेरा
चारो तरफ इन्ही सवालो का अंधेरा
कही भी रहू किसी भी हाल में रहू
वो नहीं तो रह्ता है उसकी यादो का पहरा
क्या लिखू और कैसे, क्योकि उसकी आदते भी अच्छी है
उसकी अदाए भी अच्छी है
वो शकल से ही नहीं हरकतो से भी बच्ची है
परेशान तो इस दुनिया में सभी है
लेकिन उसकी परेशानिया भी कच्ची है
एक छोटी सी बात शायद वो नहीं छुपाती है मुझसे
हा वो दिल की भी सच्ची है
क्या लिखू और कैसे, लिखता रहुगा मैं पर कभी खतम नहीं कर पाउगा
साथ रहती है वो मेरे क्योकि वो जानती है, न वो मुझसे
और न मैं उससे दूर रह पाउगा
कभी वो ग़ुस्सा कभी मैं कितनी important है वो
शायद मैं कभी न कह पाउगा
बस इतना ही
ये नहीं की मैं आगे कुछ लिख नहीं सकता
हा ये तो है की मैं पूरी रात जग नहीं सकता!!!!!
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