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Conversation with stars

Writer's picture: Nikhil VermaNikhil Verma

Updated: Jul 20, 2021

आज आसमान को देख रहा था मैं

तारो से बात कर रहा था मैं

एक सवाल कर रहा था मैं

क्या अब भी वो रात तो तुम्हारे पास आती है

क्या अब भी तुम्हे अपने पुरे दिन का हाल बताती है

क्या अब भी वो तुम्हे छूने की कोशिश में रहती है

या बिना तुम्हे बताये अपने सरे गम सहती है

जो सवाल मेरे है तुमसे

क्या वो भी वही सवाल कहती है

तारो में से एक तारे ने जवाब दिया

सवाल नहीं मानो एक ख्वाब दिया

कहने लगा वो आती तो है अभी भी मेरे पास रात को

पर कुछ बताती नहीं छुपती है अपने जजबात को

अपने अभी के दिनों का हाल तो नहीं बताती

पर हर गम का कुसूरवार बताती है अपने हालत को

उसकी आँखे लगातार मुझे देखती है

और वो आँखें कहती है

ए तारे , टूट के गिर जा

और मै माँग लू टूटे तारे से अपने प्यार को

सुन के उसकी बाते मै सहम सा ग्या

एक पल के लिए मानो वक़्त थम सा गया

ट्रेन के इंज़न ने यु शोर किया

जागा मै तो ये गौर किया

की ये तो एक सपना था

लगता तो अपना था

ये सोच ही रहा था कि

विंडो से एक तारा टूटता दिखयी दिया

वो सपना नहीं सच है ये बया किया!!!!


Conversation With Stars (_meri_kalamse_)
meri kalam se


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