चाय चाय , चिल्लाता हुआ
दौड़ रहा था वो ट्रैनो के पीछे
लगा था वही पर स्वच्छता अभियान का बोर्ड
फिर भी कचरा था पटरियों के नीचे
गर्मी में होठं थे सूख रहे
पानी लायो पानी लायो वो चीख़ रहे
इतने में एक लड़का पानी लेलो चिल्लाता हुआ आता है
देकर वो पानी वह मेरी प्यास बुझाता है
ट्रैने लेट होने से सब प्लॅटफॉर्म पर थे सो रहे
जिन्हे नीद नहीं आ रही थी वो कोरोना की गाथा रो रहे
कुछ कपल्स द, कुछ परिवार , कुछ ओल्ड ऐज भी
सबकी आँखों में थी एक ही पुकार
२ घन्टे आलरेडी थे लेट
ट्रेन , अब तो आज़ा मेरे यार ।
काफी ट्रैने स्टेशन से आ जा रही थी
मेरी आँखों के सामने कुछ औरते रूपए माँग रही थी।
ये देख कर मन में खयाल आया की दुआ करू और माँगू की सबको अमीर कर दो,
कि पानी की कुछ बूँदे मेरे ऊपर गिरि, देखता तो भैया ने कहा "सफाई करनी है " ये जगह खाली कर दो ।
इतने में ट्रैन के आने की आवाज़ को सुना
वो मेरी ही ट्रैन थी जिस पर जाना था मुझे
मैने अपना बैग उठाया, स्टेशन को बाय बोला
और अपनी मंज़िल का रास्ता चुना।।।।
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